हर घड़ी चश्म-ए-ख़रीदार में रहने के लिए
हर घड़ी चश्म-ए-ख़रीदार में रहने के लिए
कुछ हुनर चाहिए बाज़ार में रहने के लिए
अब तो बदनामी से शोहरत का वो रिश्ता है कि लोग
नंगे हो जाते हैं बाज़ार में रहने के लिए
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हर घड़ी चश्म-ए-ख़रीदार में रहने के लिए
कुछ हुनर चाहिए बाज़ार में रहने के लिए
अब तो बदनामी से शोहरत का वो रिश्ता है कि लोग
नंगे हो जाते हैं बाज़ार में रहने के लिए
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