शकील आज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शकील आज़मी (page 2)
नाम | शकील आज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shakeel Azmi |
जन्म की तारीख | 1971 |
जन्म स्थान | Mumbai |
तुझ को सोचों तो तिरे जिस्म की ख़ुशबू आए
तवील हिज्र है इक मुख़्तसर विसाल के बा'द
शाइ'री रूह में तहलील नहीं हो पाती
संग थे पिघले तो पानी हो गए
राह में घर के इशारे भी नहीं निकलेंगे
राज़ में रख तिरी रुस्वाई का क़िस्सा मैं हूँ
क़दम उठे हैं तो धूल आसमान तक जाए
फूल खिला दे शाख़ों पर पेड़ों को फल दे मालिक
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है
नदी का आब दिया है तो कुछ बहाव भी दे
मुझ पे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मिरे साथ न चल
मैं जानता हूँ ख़ुशामद-पसंद कितना है
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जाए
कहीं से चाँद कहीं से क़ुतुब-नुमा निकला
हुआ न ख़त्म अज़ाबों का सिलसिला अब तक
हर घड़ी चश्म-ए-ख़रीदार में रहने के लिए
एक सुराख़ सा कश्ती में हुआ चाहता है
धूप से बर-सर-ए-पैकार किया है मैं ने
धुआँ धुआँ है फ़ज़ा रौशनी बहुत कम है
दर्द में शिद्दत-ए-एहसास नहीं थी पहले
चाँद में ढलने सितारों में निकलने के लिए
चढ़ा हुआ है जो दरिया उतरने वाला है
बात से बात की गहराई चली जाती है
अपनी हस्ती को मिटा दूँ तिरे जैसा हो जाऊँ
अकेले रहने की ख़ुद ही सज़ा क़ुबूल की है
अजीब मंज़र है बारिशों का मकान पानी में बह रहा है
अब इस से मिलने की उम्मीद क्या गुमाँ भी नहीं