शकील आज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शकील आज़मी
नाम | शकील आज़मी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Shakeel Azmi |
जन्म की तारीख | 1971 |
जन्म स्थान | Mumbai |
हर घड़ी चश्म-ए-ख़रीदार में रहने के लिए
ज़मीन ले के वो आए तो घर बनाया जाए
तुम्हारे दर्द से ले कर हमारे आँसू तक
फिर यूँ हुआ थकन का नशा और बढ़ गया
मुझ को बिखराया गया और समेटा भी गया
मेरे होंटों पे ख़ामुशी है बहुत
मैं सो रहा हूँ तिरे ख़्वाब देखने के लिए
कुछ दिनों के लिए मंज़र से अगर हट जाओ
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर
जब तलक उस ने हम से बातें कीं
जाने कैसा रिश्ता है रहगुज़र का क़दमों से
इस बार उस की आँखों में इतने सवाल थे
हर घड़ी चश्म-ए-ख़रीदार में रहने के लिए
हादसे शहर का दस्तूर बने जाते हैं
घर के दीवार-ओ-दर पे शाम ही से
बिछड़ के भी वो मिरे साथ ही रहा हर दम
भूक में इश्क़ की तहज़ीब भी मर जाती है
बस इक पुकार पे दरवाज़ा खोल देते हैं
बात से बात की गहराई चली जाती है
अपनी मंज़िल पे पहुँचना भी खड़े रहना भी
आज आँखों में कोई रात गए आएगा
सिंगापुर
नई आस्तीन
कच्चे रंगों का मौसम
झूटी मोहब्बत
दूसरे दर्जे की पिछली क़तार का आदमी
डाका
आख़िरी खिलौने का मातम
ज़िंदा रहना है तो साँसों का ज़ियाँ और सही
ज़रा से ग़म के लिए जान से गुज़र जाना