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शकेब जलाली Couplets In Hindi - Best शकेब जलाली Couplets Shayari & Poems - Page 1 - Darsaal

Coupletss of Shakeb Jalali (page 1)

Coupletss of Shakeb Jalali (page 1)
नामशकेब जलाली
अंग्रेज़ी नामShakeb Jalali
जन्म की तारीख1934
मौत की तिथि1966
जन्म स्थानPakistan

यूँ तो सारा चमन हमारा है

ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे

वक़्त ने ये कहा है रुक रुक कर

वक़्त की डोर ख़ुदा जाने कहाँ से टूटे

वहाँ की रौशनियों ने भी ज़ुल्म ढाए बहुत

उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ

तू ने कहा न था कि मैं कश्ती पे बोझ हूँ

सोचो तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह

'शकेब' अपने तआरुफ़ के लिए ये बात काफ़ी है

रहता था सामने तिरा चेहरा खुला हुआ

प्यार की जोत से घर घर है चराग़ाँ वर्ना

न इतनी तेज़ चले सर-फिरी हवा से कहो

मुझ से मिलने शब-ए-ग़म और तो कौन आएगा

मुझे गिरना है तो मैं अपने ही क़दमों में गिरूँ

मल्बूस ख़ुश-नुमा हैं मगर जिस्म खोखले

लोग दुश्मन हुए उसी के 'शकेब'

लोग देते रहे क्या क्या न दिलासे मुझ को

क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मिरा चेहरा है

कोई इस दिल का हाल क्या जाने

कोई भूला हुआ चेहरा नज़र आए शायद

कहता है आफ़्ताब ज़रा देखना कि हम

जो मोतियों की तलब ने कभी उदास किया

जाती है धूप उजले परों को समेट के

जहाँ तलक भी ये सहरा दिखाई देता है

इस शोर-ए-तलातुम में कोई किस को पुकारे

हम-सफ़र रह गए बहुत पीछे

गले मिला न कभी चाँद बख़्त ऐसा था

फ़सील-ए-जिस्म पे ताज़ा लहू के छींटे हैं

एक अपना दिया जलाने को

दिल सा अनमोल रतन कौन ख़रीदेगा 'शकेब'

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