शकेब बनारसी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शकेब बनारसी
नाम | शकेब बनारसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shakeb Banarsi |
तू न आया तिरी यादों की हवा तो आई
साथ ग़ुर्बत में कोई ग़ैर न अपना निकला
न दिन पहाड़ लगे अब न रात भारी लगे
दामन-ए-ज़ब्त को अश्कों में भिगो लेता हूँ