शाइस्ता मुफ़्ती कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शाइस्ता मुफ़्ती
नाम | शाइस्ता मुफ़्ती |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Shaista Mufti |
शब-ए-तन्हाई
रख़्त-ए-सफ़र
दीवार-ए-गिर्या
दाइमी सुख
आज लगता है समुंदर में है तुग़्यानी सी
शाम आ कर झरोकों में बैठी रहे
लिखे हुए अल्फ़ाज़ में तासीर नहीं है
ख़ाक से उठना ख़ाक में सोना ख़ाक को बंदा भूल गया
अजनबी शहर में उल्फ़त की नज़र को तरसे
आइना देखा तो सूरत अपनी पहचानी गई