Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_33ca977bc3438c4785a96a3d0a055a2d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वफ़ा में बराबर जिसे तोल लेंगे - इमदाद अली बहर कविता - Darsaal

वफ़ा में बराबर जिसे तोल लेंगे

वफ़ा में बराबर जिसे तोल लेंगे

उसे सल्तनत बेच कर मोल लेंगे

इजाज़त अगर सर पटकने की होगी

मुक़फ़्फ़ल दर-ए-यार हम खोल लेंगे

तबीबो न बख़्शे की सेहत ठण्ड आए

न जब तक कि ज़हर इस में हम घोल लेंगे

किसी दिन जो पल्टा मुक़द्दर हमारा

बिके जिस के हाथों उसे मोल लेंगे

गुलों से न होगी जो उक़्दा-कुशाई

गिरह दिल के काँटे से हम खोल लेंगे

हमें बाग़ जाने से ये मुद्दआ है

ज़रा बुलबुल-ओ-गुल से हँस बोल लेंगे

रिहाई न देंगे वो क़ैद-ए-सितम से

न जब तक मेरी जान को ओल लेंगे

बदन क्यूँ छुपाते हो ज़ेवर पहन कर

जवाहर के इक्के न हम खोल लेंगे

अभी हम से और उन से सोहबत नई है

जो मुँह लग चलेंगे तो हँस-बोल लेंगे

ग़म-ए-यार भी अब्र-ए-नैसाँ है ऐ 'बहर'

जो टपकेंगे आँसू गुहर रोल लेंगे

(1016) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wafa Mein Barabar Jise Tol Lenge In Hindi By Famous Poet Imdad Ali Bahr. Wafa Mein Barabar Jise Tol Lenge is written by Imdad Ali Bahr. Complete Poem Wafa Mein Barabar Jise Tol Lenge in Hindi by Imdad Ali Bahr. Download free Wafa Mein Barabar Jise Tol Lenge Poem for Youth in PDF. Wafa Mein Barabar Jise Tol Lenge is a Poem on Inspiration for young students. Share Wafa Mein Barabar Jise Tol Lenge with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.