Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d377587836603d7b33f3a7d84a4c1f4c, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चूर सदमों से हो बईद नहीं - इमदाद अली बहर कविता - Darsaal

चूर सदमों से हो बईद नहीं

चूर सदमों से हो बईद नहीं

आबगीना है दिल हदीद नहीं

मय-कशी क्या करे भला ज़ाहिद

मग़फ़िरत की उसे उमीद नहीं

चार-सू है अंधेरा आँखों में

चार दिन से जो उस की दीद नहीं

मेरे आगे मिली वो ग़ैरों से

है मोहर्रम मुझे ये ईद नहीं

क़त्ल आलम है तेरे अबरू पर

कोई तलवार से शहीद नहीं

अपने दिल से मुझे इरादत है

मैं किसी पीर का मुरीद नहीं

दिल किसी से लगे तो क्या छूटे

कोई इस क़ुफ़्ल की कलीद नहीं

देख ले मर के सख़्ती-ए-सकरात

सदमा-ए-हिज्र से शदीद नहीं

वस्ल-ए-जानाँ है सीग़ा-ए-तोहमत

कि मुजर्रद हैं हम मज़ीद नहीं

इश्क़ क्या दर्द है ख़ुदावंदा

कोई दारू-दवा मुफ़ीद नहीं

नहनो-अक़रब दलील है ऐ 'बहर'

यार नज़दीक है बईद नहीं

(1153) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Chur Sadmon Se Ho Baid Nahin In Hindi By Famous Poet Imdad Ali Bahr. Chur Sadmon Se Ho Baid Nahin is written by Imdad Ali Bahr. Complete Poem Chur Sadmon Se Ho Baid Nahin in Hindi by Imdad Ali Bahr. Download free Chur Sadmon Se Ho Baid Nahin Poem for Youth in PDF. Chur Sadmon Se Ho Baid Nahin is a Poem on Inspiration for young students. Share Chur Sadmon Se Ho Baid Nahin with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.