जान आँखों में रही जी से गुज़रने न दिया
अच्छी दीदार की हसरत थी कि मरने न दिया
मुद्दतों कश्मकश-ए-यास-ओ-तमन्ना में रहे
ग़म ने जीने न दिया शौक़ ने मरने न दिया
ना-ख़ुदा ने मुझे दलदल में फँसाए रक्खा
डूब मरने न दिया पार उतरने न दिया
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
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मौत आती नहीं क़रीने की