शहज़ाद अंजुम बुरहानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शहज़ाद अंजुम बुरहानी
नाम | शहज़ाद अंजुम बुरहानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahzad Anjum Burhani |
सोचिए गर उसे हर-नफ़स मौत है कुछ मुदावा भी हो बे-हिसी के लिए
सोचिए गर उसे हर नफ़स मौत है कुछ मुदावा भी हो बे-हिसी के लिए
रात के वक़्त कोई गीत सुनाती है हवा
न पूछ मेरी कहानी कहाँ से निकली है
मर जाने की उस दिल में तमन्ना भी नहीं है
क्या हमारे शौक़ भी वो कज-अदा ले जाएगा
दुनिया अपनी मौत जल्द-अज़-जल्द मर जाने को है
दुनिया अपनी मौत जल्द-अज़-जल्द मर जाने को है
बहुत घुटन है यहाँ पर कोई बचा ले मुझे