Coupletss of Shahzad Ahmad (page 4)
नाम | शहज़ाद अहमद |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahzad Ahmad |
जन्म की तारीख | 1932 |
मौत की तिथि | 2012 |
जन्म स्थान | Lahore |
लेते हैं लोग साँस भी अब एहतियात से
क्यूँ बुलाती है मुझे दुनिया उसी के नाम से
कुछ तेरे सबब थी मिरे पहलू में हरारत
कुछ तज़किरा-ए-हुस्न से रौशन थे दर-ओ-बाम
कुछ देखने की दिल में तमन्ना नहीं बाक़ी
कोई तो रात को देखेगा जवाँ होते हुए
कोई बताओ कि किस के लिए तलाश करें
किस लिए वो शहर की दीवार से सर फोड़ता
ख़्वाहिशों की धूल से चेहरे उभरते ही नहीं
ख़ुशा वो दर्द के लम्हे कि तेरे जाने पर
खुली फ़ज़ा में अगर लड़खड़ा के चल न सकें
खुले असरार उस पर जिस्म के आहिस्ता आहिस्ता
ख़ुद पर भी खोलिए न कभी दिल की वारदात
ख़ुद ही तस्वीर बनाता हूँ मिटा देता हूँ
ख़ामुशी ही में सही पर कभी इज़हार तो कर
ख़ल्क़ बे-परवा ख़ुदा बंदों से तंग आया हुआ
ख़बर नहीं कि ख़ला किस जगह पे हो मौजूद
करो बे-नूर महफ़िल-ए-इमरोज़
कम नहीं है ये अज़िय्यत कि अभी ज़िंदा हूँ
कल थी ये फ़िक्र उसे हाल सुनाएँ कैसे
कभी कभी छलक उठता है आब ओ रंग उन का
जुलते हैं इक चराग़ की लौ से कई चराग़
जो सामने था उस के ख़द-ओ-ख़ाल नहीं याद
जिस से दो रोज़ भी खुल कर न मुलाक़ात हुई
जिस को जाना ही नहीं उस को ख़ुदा क्यूँ मानें
जिस के बाइस अभी ठंडक है मिरे सीने में
झूटी बातें रहने दो
जवाज़ कोई अगर मेरी बंदगी का नहीं
जैसे मुँह-बंद कली रात के वीराने में
जहाँ में मंज़िल-ए-मक़्सूद ढूँडने वाले