जो चाहती दुनिया है वो मुझ से नहीं होगा
समझौता कोई ख़्वाब के बदले नहीं होगा
Habib Jalib
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Anwar Masood
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Gulzar
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
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तुझ से बिछड़े हैं तो अब किस से मिलाती है हमें
वक़्त को क्यूँ भला बुरा कहिए
शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को
सफ़र का नश्शा चढ़ा है तो क्यूँ उतर जाए
काग़ज़ की कश्तियाँ भी बहुत काम आएँगी
जो होने वाला है अब उस की फ़िक्र क्या कीजे
दरिया-ए-ख़ूँ
वापसी
तम्बीह
आरज़ू
दिल में उतरेगी तो पूछेगी जुनूँ कितना है
शिकवा कोई दरिया की रवानी से नहीं है