उस की आँखों में मोहब्बत का गुमाँ तक नहीं आज
कौन सी आग थी कल जिस का धुआँ तक नहीं आज
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Rahat Indori
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Anwar Masood
Wasi Shah
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(556) Peoples Rate This
हर किसी ख़्वाब के चेहरे पे लिखूँ नाम तिरा
रौशन आईनों में झूटे अक्स उतार गया
वो मिरे कासे में यादें छोड़ कर यूँ चल दिया
आओ फिर मिल जाएँ सब बातें पुरानी छोड़ कर
दिल भी दाग़-ए-नक़्श-ए-कुहन से बुझा हुआ था
सभी रास्ते तिरे नाम के सभी फ़ासले तिरे नाम के
सूरज तिरी दहलीज़ में अटका हुआ निकला
तितलियाँ फूल में क्या ढूँढती रहती हैं सदा
चेहरों को पैरों से कुचल कर आगे बढ़ जाना
''जो भी आवे है वो नज़दीक ही बैठे है तिरे''
जब आफ़्ताब से चेहरा छुपा रही थी हवा
उलझा उस की दीद में