Ghazals of Shahida Tabassum
नाम | शाहिदा तबस्सुम |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahida Tabassum |
याद के शहर मिरी जाँ से गुज़र
उसे जब भी देखा बहुत ध्यान से
संग-ज़नों के वास्ते फिर नए रास्तों में है
मैं ज़हर रही हर शाम रही
जंगलों में बारिशें हैं दूर तक
हवाएँ चाँदनी में काँपती हैं
है शर्त क़ीमत-ए-हुनर भी अब तो रब्त-ए-ख़ास पर
इक हुजूम-ए-गिर्या की हर नज़र तमाशाई