सारे पत्थर और आईने एक से लगते हैं
सारे पत्थर और आईने एक से लगते हैं
एक सी हालत रखने वाले एक से लगते हैं
यूँ लगता है जैसे फिर कुछ होने वाला है
कुछ होने से पहले लम्हे एक से लगते हैं
पहले कोई राह ज़ियादा लम्बी लगती थी
अब तो घर के सब ही रस्ते एक से लगते हैं
कैसे पहचानूँ मैं इन में कौन से हैं मिरे लोग
रात की आँधी में सब चेहरे एक से लगते हैं
किसी किसी को प्यास बुझाने का गुन आता है
वर्ना ये मिट्टी के कूज़े एक से लगते हैं
अपनी कोख की गर्मी में हों या उस से कुछ दूर
माँ को अपने सारे बच्चे एक से लगते हैं
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