Ghazals of Shahid Meer
नाम | शाहिद मीर |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahid Meer |
जन्म की तारीख | 1949 |
जन्म स्थान | Bhopal |
ज़ेहन में लगता है जब ख़ुश-रंग लफ़्ज़ों का हुजूम
वार हुआ कुछ इतना गहरा पानी का
उजले मोती हम ने माँगे थे किसी से थाल भर
तारीकियों का हम थे हदफ़ देखते रहे
समुंदरों में अगर ख़लफ़िशार-ए-आब न हो
न जाने क्या हुए अतराफ़ देखने वाले
मीनारों से ऊपर निकला दीवारों से पार हुआ
मजमा' मिरे हिसार में सैलानियों का है
ख़ौफ़ से अब यूँ न अपने घर का दरवाज़ा लगा
हर इरादा मुज़्महिल हर फ़ैसला कमज़ोर था
इक सब्ज़ रंग बाग़ दिखाया गया मुझे
ऐसे भी कुछ ग़म होते हैं
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समुंदर कर दे
आँसुओं में ज़रा सी हँसी घोल कर