आज फिर रू-ब-रू करोगे तुम
आज फिर रू-ब-रू करोगे तुम
मुझ से क्या गुफ़्तुगू करोगे तुम
मुझ से लोगे मिरे लहू क़िसास
फिर मुझे सुर्ख़-रू करोगे तुम
हैफ़ हो मेरी बद-मिज़ाजी पर
आप अपना लहू करोगे तुम
तुम गँवा दोगे एक दिन मुझ को
फिर मिरी जुस्तुजू करोगे तुम
तुम सफ़-ए-दोस्ताँ में हो लेकिन
फिर भी कार-ए-अदू करोगे तुम
ज़ख़्म पर ज़ख़्म खाए जाते हो
और रफ़ू पर रफ़ू करोगे तुम
हम भी मक़्तल में सर कटाएँगे
अपने ख़ूँ से वुज़ू करोगे तुम
ऐ मिरी जान ऐब है ये भी
हम को मैं तुम को तू करोगे तुम
मैं तो 'शाहिद' भी हूँ 'कमाल' भी हूँ
मेरे हक़ में ग़ुलू करोगे तुम
(515) Peoples Rate This