Ghazals of Shahid Kamal (page 2)
नाम | शाहिद कमाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahid Kamal |
जन्म की तारीख | 1982 |
चश्म-ए-ख़ुश-आब की तमसील में रहने वाले
भर गए ज़ख़्म तो क्या दर्द तो अब भी कोई है
ब-हर्फ़-ए-सूरत इंकार तोड़ दी मैं ने
अपनी तन्हाई का सामान उठा लाए हैं
अक्स आईना-ख़ाना से अलग रक्खा है
ऐ ज़ौक़ अर्ज़-ए-हुनर हर्फ़-ए-ए'तिदाल में रख
अब्र लिखती है कहीं और घटा लिखती है
आज फिर रू-ब-रू करोगे तुम