Ghazals of Shahid Kabir
नाम | शाहिद कबीर |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahid Kabir |
जन्म की तारीख | 1932 |
मौत की तिथि | 2001 |
जन्म स्थान | Mumbai |
ज़मीं पे चल न सका आसमान से भी गया
तुम से मिलते ही बिछड़ने के वसीले हो गए
ठुकराओ अब कि प्यार करो मैं नशे में हूँ
रूह को क़ैद किए जिस्म के हालों में रहे
रेत की लहरों से दरिया की रवानी माँगे
पुकारती है जो तुझ को तिरी सदा ही न हो
पाया नहीं वो जो खो रहा हूँ
नींद से आँख खुली है अभी देखा क्या है
क्या फ़र्ज़ है ये जिस्म के ज़िंदाँ में सज़ा दे
कुछ देर काली रात के पहलू में लेट के
कर्ब चेहरे से मह-ओ-साल का धोया जाए
हर आइने में बदन अपना बे-लिबास हुआ
ग़म का ख़ज़ाना तेरा भी है मेरा भी
बे-सबब बात बढ़ाने की ज़रूरत क्या है
अंदर का सुकूत कह रहा है