मिरी नज़र कि तरह दिल परिंद ओझल है
मिरी नज़र कि तरह दिल परिंद ओझल है
हर एक ख़्वाब का हासिल परिंद ओझल है
शजर जो कह न सके आसमाँ वही सुन ले
यक़ीं है वहम की मंज़िल परिंद ओझल है
शफ़क़ शफ़क़ वही सुर्ख़ी उड़ान की ताबीर
उफ़ुक़ उफ़ुक़ वही महफ़िल परिंद ओझल है
सदा में सम्त नहीं बाज़गश्त ला-महदूद
सफ़र की शर्त में शामिल परिंद ओझल है
भँवर का काम जज़ीरे को वरग़लाना था
धुआँ धुआँ लब-ए-साहिल परिंद ओझल है
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