Ghazals of Shahid Ghazi
नाम | शाहिद ग़ाज़ी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Shahid Ghazi |
सुना है तेरी ज़माने पे हुक्मरानी है
मेरे दिल में घर भी बनाता रहता है
लगता है जिस का रुख़-ए-ज़ेबा मह-ए-कामिल मुझे
ख़याल उन का सताए जा रहा है
जो तुम से मिला होगा जो तुम ने दिया होगा
इन सभी दरख़्तों को आँधियों ने घेरा है
बेताबियों को मेरी बढ़ाने लगी हवा