सजाएँ महफ़िल-ए-याराँ न शग़्ल-ए-जाम करें

सजाएँ महफ़िल-ए-याराँ न शग़्ल-ए-जाम करें

तो और कैसे तिरे ग़म का एहतिराम करें

किसे बुलाएँ चनारों में आधी रात गए

अगर करें तो किसे सुब्ह का सलाम करें

बसाएँ क़ाफ़-ए-तसव्वुर में इक परी-वश को

कुछ आज इशरत-ए-हिज्राँ का एहतिमाम करें

जुलूस-ए-शोला-रुख़ाँ किस तरफ़ को गुज़रेगा

कोई बताए कहाँ अहल-ए-दिल क़याम करें

चलो कि ख़ेमा-ए-महबूब कोई दूर नहीं

उठो कि आज की शब में जुनूँ का नाम करें

हमारे जाम में मय भी है ख़ून-ए-दिल भी है

ये देखना है ख़ुदा वाले क्या हराम करें

(629) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shahid Akhtar. is written by Shahid Akhtar. Complete Poem in Hindi by Shahid Akhtar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.