Ghazals of Shahid Akhtar
नाम | शाहिद अख़्तर |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahid Akhtar |
ज़ोर उस पर है न हालात पे क़ाबू यारो
यूँ तो इस बज़्म में अपने भी हैं बेगाने भी
सजाएँ महफ़िल-ए-याराँ न शग़्ल-ए-जाम करें
महका है गुल-ए-ख़ून-ए-वफ़ा जानिए क्या हो
किसी की ज़ुल्फ़-ए-शिकन-दर-शिकन की बात हुई
जब अपना मुक़द्दर ठहरे हैं ज़ख़्मों के गुलिस्ताँ और सही
चाँद माँगा न कभी हम ने सितारे माँगे
आप के इज़्न-ए-मुलाक़ात से जी डरता है