हम कि उर्यां बहुत हैं
तमाशा न बन
अपनी ज़िद छोड़ दे
मैं तुझे ओढ़ लूँ
तू मुझे ओढ़ ले
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Habib Jalib
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Wasi Shah
Jaun Eliya
Rahat Indori
Gulzar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
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ये हम कौन हैं
अगर ये रौशनी क़ल्ब ओ नज़र से आई है
मुफ़ाहमत
ज़रूरत क्या है
मिसाल-ए-संग-ए-तपीदा जड़े हुए हैं कहीं