Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7f92d5ba9db97e272fae79634ade95aa, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चला आता है ख़ुद अंजाम से अंजान है बकरा - शाहीन इक़बाल असर कविता - Darsaal

चला आता है ख़ुद अंजाम से अंजान है बकरा

चला आता है ख़ुद अंजाम से अंजान है बकरा

नहीं हरगिज़ नहीं किस ने कहा नादान है बकरा

जो सच पूछो तो इस रुख़ से वो हम लोगों से बेहतर है

कि अपने ख़ालिक़ ओ मालिक पे ख़ुद क़ुर्बान है बकरा

हक़ीक़त में वही बकरा है अच्छा देख कर जिस को

क़साई कि उठे फ़र्बा है आली-शान है बकरा

भला तुझ तक पहुँच सकते हैं हम इंसान अब क्यूँकर

हमारे घर तू आया है तिरा एहसान है बकरा

क़साई की ज़रूरत ही नहीं है बाज़ बकरों को

छुरी को देख कर ख़ुद आप ही क़ुर्बान है बकरा

देहाती लोग भी अल्लाह-मियाँ की गाए हैं गोया

कि बकरे पर लिखा है मेड-इन-जापान है बकरा

मिरे अब्बू मुझे दिलवाइए बकरा बहर-सूरत

मिरी ख़्वाहिश है क़ुर्बानी मिरा अरमान है बकरा

लबादा सुर्ख़ ओढ़े तख़्त पर बैठा है नख़वत से

कि आला नस्ल का है और आली-शान है बकरा

लगा मंडी पहुँच कर अशरफ़-उल-मख़्लूक़ हैं बकरे

हुआ इंसान को महसूस ख़ुद इंसान है बकरा

(1002) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Chala Aata Hai KHud Anjam Se Anjaan Hai Bakra In Hindi By Famous Poet Shaheen Iqbal Asar. Chala Aata Hai KHud Anjam Se Anjaan Hai Bakra is written by Shaheen Iqbal Asar. Complete Poem Chala Aata Hai KHud Anjam Se Anjaan Hai Bakra in Hindi by Shaheen Iqbal Asar. Download free Chala Aata Hai KHud Anjam Se Anjaan Hai Bakra Poem for Youth in PDF. Chala Aata Hai KHud Anjam Se Anjaan Hai Bakra is a Poem on Inspiration for young students. Share Chala Aata Hai KHud Anjam Se Anjaan Hai Bakra with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.