चला आता है ख़ुद अंजाम से अंजान है बकरा
चला आता है ख़ुद अंजाम से अंजान है बकरा
नहीं हरगिज़ नहीं किस ने कहा नादान है बकरा
जो सच पूछो तो इस रुख़ से वो हम लोगों से बेहतर है
कि अपने ख़ालिक़ ओ मालिक पे ख़ुद क़ुर्बान है बकरा
हक़ीक़त में वही बकरा है अच्छा देख कर जिस को
क़साई कि उठे फ़र्बा है आली-शान है बकरा
भला तुझ तक पहुँच सकते हैं हम इंसान अब क्यूँकर
हमारे घर तू आया है तिरा एहसान है बकरा
क़साई की ज़रूरत ही नहीं है बाज़ बकरों को
छुरी को देख कर ख़ुद आप ही क़ुर्बान है बकरा
देहाती लोग भी अल्लाह-मियाँ की गाए हैं गोया
कि बकरे पर लिखा है मेड-इन-जापान है बकरा
मिरे अब्बू मुझे दिलवाइए बकरा बहर-सूरत
मिरी ख़्वाहिश है क़ुर्बानी मिरा अरमान है बकरा
लबादा सुर्ख़ ओढ़े तख़्त पर बैठा है नख़वत से
कि आला नस्ल का है और आली-शान है बकरा
लगा मंडी पहुँच कर अशरफ़-उल-मख़्लूक़ हैं बकरे
हुआ इंसान को महसूस ख़ुद इंसान है बकरा
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