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बिल्ली - शाहीन इक़बाल असर कविता - Darsaal

बिल्ली

ये सच है कि पेट अपना भरती है बिल्ली

किचन की सफ़ाई तो करती है बिल्ली

नहीं होने देती है हरगिज़ वो खड़-खड़

कि खिड़की से जिस दम उतरती है बिल्ली

जहाँ पर कि दो चार कुत्ते हों मौजूद

तो ऐसी जगह कब ठहरती है बिल्ली

करें ताकि तदफ़ीन के.म.सी वाले

जभी बीच रस्ते में मरती है बिल्ली

बड़ी नस्ल का जब नज़र आए चूहा

तो बच कर वहाँ से गुज़रती है बिल्ली

मियाऊँ मियाऊँ मियाऊँ मियाऊँ

इजाज़त तलब ऐसे करती है बिल्ली

बिला-वजह बिल्ली से डरते हैं बच्चे

हक़ीक़त में बच्चों से डरती है बिल्ली

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