Ghazals of Shaheen Gazipuri

Ghazals of Shaheen Gazipuri
नामशाहीन ग़ाज़ीपुरी
अंग्रेज़ी नामShaheen Gazipuri
जन्म की तारीख1938
जन्म स्थानToronto

ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चल

यूँ उलझ कर रह गई है तार-ए-पैराहन में रात

ये भी शायद तिरा ए'जाज़-ए-नज़र है ऐ दोस्त

थी कुछ न ख़ता फिर भी पशेमान रहे हैं

शहर-ए-ख़ूबाँ से जो हम अब भी गुज़र आते हैं

सच का लम्हा जब भी नाज़िल होता है

क़ुबूल है ग़म-ए-दुनिया तिरे हवाले से

पलकों से अपने भूले हुए ख़्वाब बाँध लें

निकल के घर से फिर इस तरह घर गए हम तुम

मिज़ाज-ए-गर्दिश-ए-दौराँ वही समझते हैं

मेरी चाहत पे न इल्ज़ाम लगाओ लोगो

ख़ुद अपने ज़हर को पीना बड़ा करिश्मा है

ख़ाक-ए-दिल कहकशाँ से मिलती है

हम पे जिस तौर भी तुम चाहो नज़र कर देखो

हमारे हाल-ए-ज़बूँ पर मलाल है कितना

दुनिया ने बस थका ही दिया काम कम हुए

दिन छोटा है रात बड़ी है

दिल जहाँ भी डूबा है उन की याद आई है

चेहरों में नज़र आएँ आँखों में उतर जाएँ

बदन के रूप का एजाज़ अंग अंग थी वो

शाहीन ग़ाज़ीपुरी Ghazal in Hindi - Read famous शाहीन ग़ाज़ीपुरी Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet शाहीन ग़ाज़ीपुरी. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet शाहीन ग़ाज़ीपुरी. शाहीन ग़ाज़ीपुरी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.