Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a37e87edb2bf73efc6a4ec8397683399, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
पराए शहर में ख़ुशबू तलाश लेते हैं - शाहबाज़ रिज़्वी कविता - Darsaal

पराए शहर में ख़ुशबू तलाश लेते हैं

पराए शहर में ख़ुशबू तलाश लेते हैं

जो अहल-ए-दिल हैं वो उर्दू तलाश लेते हैं

हमें तलाश है ऐसे निगाह वालों की

जो दिन के वक़्त भी जुगनू तलाश लेते हैं

मैं जानता हूँ कुछ ऐसे उदास लोगों को

जो क़हक़हों में भी आँसू तलाश लेते हैं

उन्हें भी अपनी तरफ़ खींच लो वफ़ा वालों

जो ख़ून बेच के घुंघरू तलाश लेते हैं

उन्हें भी मेरी तरफ़ से दुआएँ दो 'रिज़वी'

जो ख़्वाब बोते हैं बाज़ू तलाश लेते हैं

(799) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shahbaz Rizwi. is written by Shahbaz Rizwi. Complete Poem in Hindi by Shahbaz Rizwi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.