Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f87af4f6cd661cd61cb6825aa6b18f36, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मौत टलती है तो दिल दुखता है - शहाब सफ़दर कविता - Darsaal

मौत टलती है तो दिल दुखता है

मौत टलती है तो दिल दुखता है

जाँ सँभलती है तो दिल दुखता है

ख़्वाब झड़ जाते हैं पत्तों की तरह

रुत बदलती है तो दिल दुखता है

ख़ाक होने का सिला ख़ाक नहीं

शम्अ जलती है तो दिल दुखता है

चल चलाओ की हैं ज़द पर सारे

साँस चलती है तो दिल दुखता है

चाँद इक मांद हुआ जब से 'शहाब'

रात ढलती है तो दिल दुखता है

(650) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shahab Safdar. is written by Shahab Safdar. Complete Poem in Hindi by Shahab Safdar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.