सुनो दर्ज़ी
टाँक दोगे
जिस्म के उस हिस्से को
जिस पे
मौसम का
सब से गहरा उत्तर होता है
समुंदर
इन दिनों
बेहद यहाँ ये है
समुंदर के यार
कौन है
Anwar Masood
Rahat Indori
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Gulzar
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Habib Jalib
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समुंदर का रास्ता
दिल से
'मीर'-ओ-'ग़ालिब' की तरह सेहर-बयाँ से निकले
फ़रियाद
मा'दूम होती ख़ुश्बू
मैं और तुम
मेरी शाइ'री
मेरा उस का साथ
जो मैं ने सोचा था
दामन में आँसू मत बोना
तेरी संग
मेरा शहर