दिल से

दिल से

हज़ार ख़याल निकलते

जब से

तुम्हें देखा है

तुम से पहले

ज़िंदगी में कोई

चमक नहीं थी

अब हाथ भी

दुआ को उठते हैं

अब नमाज़ भी मैं पढ़ता हूँ

तुम से पहले

मैं ऐसा नहीं था

तुम को देखा तो

दस्त-ए-सवाल हुआ मैं

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In Hindi By Famous Poet Shahab Akhtar. is written by Shahab Akhtar. Complete Poem in Hindi by Shahab Akhtar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.