Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_5420df682ceda513433552e82d499c34, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
इश्क़ के अक़्लीम में चाल-ओ-चलन कुछ और है - शाह आसिम कविता - Darsaal

इश्क़ के अक़्लीम में चाल-ओ-चलन कुछ और है

इश्क़ के अक़्लीम में चाल-ओ-चलन कुछ और है

है निराला ढंग वाँ का और अजाइब तौर है

ख़ून-ए-दिल पीती हैं वाँ और खाती हैं लख़्त-ए-जिगर

लुत्फ़ के बदले उठाने को जफ़ा-ओ-जौर है

उन की गलियों में नहीं होता गुज़र ही अक़्ल का

है जुनूँ का बंद-ओ-बस्त और आशिक़ी का दौर है

ज़िंदगी और मर्ग शादी और ग़म और नेक-ओ-बद

एक साँ हैं सब वहाँ लेकिन मक़ाम-ए-ग़ौर है

ला-मकाँ है वास्ते उन की मक़ाम-ए-बूद-ओ-बाश

गो ब-ज़ाहिर कहने को कलकत्ता और लाहौर है

आह-ओ-नाला की चला करती हैं वाँ तीर-ओ-सिनान

जो कि जाता है वहाँ रहता वहीं वो ठोर है

इब्तिदा में जीते जी मर जाना पड़ता है वहाँ

पर जो मर जाता है वाँ जीता वहीं फ़िल-फ़ौर है

हूँ मैं जान-ओ-दिल से 'आसिम' शाह-ए-ख़ादिम पर फ़िदा

इश्क़ के किश्वर में जिस की शान-ओ-शौकत और है

(471) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shah Aasim. is written by Shah Aasim. Complete Poem in Hindi by Shah Aasim. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.