शफ़क़त तनवीर मिर्ज़ा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शफ़क़त तनवीर मिर्ज़ा
नाम | शफ़क़त तनवीर मिर्ज़ा |
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अंग्रेज़ी नाम | Shafqat Tanveer Mirza |
शक़ आफ़ियत-कनार किनारे को कर गई
सदियों तुम्हारी याद में शमएँ जलाएँगे
रेग-ए-रवाँ पे नक़्श-ए-कफ़-ए-पा न देखना
रंगों लफ़्ज़ों आवाज़ों से सारे रिश्ते टूट गए
क़ुर्बत-ए-हुस्न में भी दर्द के आसार मिले
लोग हैं मुंतज़िर-ए-नूर-ए-सहर मुद्दत से
हम ने तो यही मा'रका मारा है सफ़र में
हम ख़राबे में बसर कर गए ख़ामोशी से
हमारे पास था जो कुछ लुटा के बैठ रहे
बरसी हैं वो आँखें कि न बादल कभी बरसे