उम्र भर डोलती यादों की ज़िया से खेले

उम्र भर डोलती यादों की ज़िया से खेले

शम-ए-उम्मीद लिए तेज़ हवा से खेले

हम ने हर तरह से दिल-ए-ख़ून किया है अपना

आतिश-ए-मय से कभी जुर्म-ए-वफ़ा से खेले

तू वो इक आग जिसे हाथ लगाए न बने

दिल वो दीवाना कि इस सैल-ए-बला से खेले

उड़ गया रंग रुख़-ए-मौसम-ए-गुल का क्या क्या

ख़ुश्क पत्ते जो कभी बाद-ए-सबा से खेले

किस ने ज़ंजीर किया अब्र-ए-रवाँ को शफ़क़त

फ़स्ल-ए-गुल आई तो हम अपनी क़बा से खेले

(542) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shafqat Batalvi. is written by Shafqat Batalvi. Complete Poem in Hindi by Shafqat Batalvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.