Ghazals of Shafiq Jaunpuri
नाम | शफ़ीक़ जौनपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shafiq Jaunpuri |
जन्म की तारीख | 1903 |
मौत की तिथि | 1963 |
यूँ तसव्वुर में बसर रात किया करते थे
वो गर्म आँसुओं की रवानी तमाम रात
पर्दा पड़ा हुआ था ख़ुदी ने उठा दिया
मौसम-ए-गुल है न दौर-जाम-ओ-सहबा रह गया
कोई टूटी हुई कश्ती का तख़्ता भी अगर है ला
कली पर मुस्कुराहट आज भी मालूम होती है
कब से इस दुनिया को सरगर्म-ए-सफ़र पाता हूँ मैं
ऐसी नींद आई कि फिर मौत को प्यार आ ही गया