Ghazals of Shaer Fatahpuri
नाम | शायर फतहपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shaer Fatahpuri |
जन्म स्थान | chaman ganj, kanpur |
ज़बाँ ख़मोश रहे तर्क-ए-मुद्दआ न करे
सर-ए-तस्लीम ख़म करना पड़ा तक़्सीर से पहले
राह-ए-दुश्वार में चलना सीखो
ना-फ़हम कहूँ मैं उसे ऐसा भी नहीं है
मज़ा शबाब का जब है कि बा-ख़ुदा भी रहे
जो कैफ़-ए-इश्क़ से ख़ाली हो ज़िंदगी किया है
इतने चुप क्यूँ हो माजरा क्या है
गुल-ए-ख़ुश-नुमा के लिबास में कि शुआ-ए-नूर में ढल के आ
गुल याद न अमवाज-ए-नसीम-ए-सहरी याद
फ़साना-ए-सितम-ए-काएनात कहते हैं
दम-ए-ता'मीर तख़रीब-ए-जहाँ कुछ और कहती है