Ghazals of Shadab Ulfat
नाम | शादाब उल्फ़त |
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अंग्रेज़ी नाम | Shadab Ulfat |
सजे हैं हर तरफ़ बाज़ार ऐसा क्यूँ नहीं होता
फिर उसी बुत से मोहब्बत चुप रहो
कर के सागर ने किनारे मुस्तरद
जान जोखिम से किए सर जो मराहिल तू ने
दुख ज़रा क्या मिला मोहब्बत में
अब ज़मीन-ओ-आसमाँ के सब किनारों से अलग
आदतन मायूस अब तो शाम है