ख़ुशबुओं से मिरी हर साँस को भर देता है

ख़ुशबुओं से मिरी हर साँस को भर देता है

मौसम-ए-गुल तिरे आने की ख़बर देता है

मुझ से मिलता है मगर तेज़ हवाओं की तरह

हर क़दम पर मुझे जो शौक़-ए-सफ़र देता है

भर गई है मिरे दामन को नदी की इक मौज

लोग कहते हैं समुंदर ही गुहर देता है

ख़ामुशी मोहर लगा देती है होंटों पे मिरे

इस तरह भी वो रफ़ाक़त का समर देता है

और भी उम्र बढ़ा देता है मेरी 'शबनम'

मेरा सुरज मुझे जब सैल-ए-शरर देता है

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In Hindi By Famous Poet Shabnam Waheed. is written by Shabnam Waheed. Complete Poem in Hindi by Shabnam Waheed. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.