अक्स
दिल में कैसा है
किस का है इंतिज़ार
बरसों गुज़रे
इस साए में
रक़्सिंदा हूँ
रंग चेहरे का
चराग़ आँखों के
धुँदले पड़ गए
कोई ख़ुदा
न हम-साया-ए-ख़ुदा
हर लम्हा
इक बार-ए-गराँ
दूर तक
सुनसान रास्ता
गर्द-आलूद
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नज़्म
किन सोचों में डूबे हो
जब तुम ने मुझे