यमन का सितारा
तुम्हें लाई है मेरे रू-ब-रू
साअ'त चमकने की
तुम्हारे साथ आई है
फ़ज़ा मेरे महकने की
हवा में फैलती जाती है ख़ुशबू
फ़स्ल पकने की
मिरी तिमसाल में नक़्श-ए-नुमू कैसे उभरता है
उस आईने में
अक्स-ए-ख़ूब-रू कैसे उभरता है
नया मौसम मिरे पत्तों में क्या क्या रंग
भरता है
ये मंज़र देखते रहना
सितारे
तुम झुके हो मेरी शाख़ों पर
झुके रहना
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