रूह का सितारा
सितारे
तू ने देखी है फ़ज़ा सारे ज़मानों की
सुने हैं तू ने
जो पहली हवा ने गीत गाए थे
तुझे मालूम है
तालाब पर कब हँस उतरे थे
यहाँ जब नूर था
और नूर के शफ़्फ़ाफ़ साए थे
तिरे सीने पे रौशन है हक़ीक़त सब फ़सानों की
कहाँ है कुछ बता मुझ को
वो मलिका दास्तानों की
कहाँ है सूफिया वो रौशनी उन आसमानों की
सितारे
तू ने देखी है फ़ज़ा सारे ज़मानों की
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