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बहुत कुछ लिखा है बहुत कुछ लिखेंगे - शब्बीर नकिद कविता - Darsaal

बहुत कुछ लिखा है बहुत कुछ लिखेंगे

बहुत कुछ लिखा है बहुत कुछ लिखेंगे

ये तय है कि अहल-ए-क़लम ही रहेंगे

नहीं हम नसीबों से मायूस बिल्कुल

जो हम बन न पाए वो बच्चे बनेंगे

गँवाए हैं औक़ात अपने जिन्हों ने

वही उम्र भर हाथ मलते रहेंगे

रहेगा जो यूँही सितम का तसलसुल

तो तंग आ के हम भी बग़ावत करेंगे

अगर अद्ल से नस्ल महरूम होगी

तो फिर देखना लोग रहज़न बनेंगे

जो कहते हैं कहते रहें अहल-ए-दुनिया

मगर हम तो 'नाक़िद' सदा सच कहेंगे

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In Hindi By Famous Poet Shabbir Naqid. is written by Shabbir Naqid. Complete Poem in Hindi by Shabbir Naqid. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.