शब्बीर नकिद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शब्बीर नकिद
नाम | शब्बीर नकिद |
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अंग्रेज़ी नाम | Shabbir Naqid |
मैं रतजगों का सफ़ीर ठहरा था कितनी रातें गुज़ार आया
मैं भी रौशन दिमाग़ रखता हूँ
हर जानिब से आए पत्थर
भूकी है ज़मीं भूक उगलती ही रहेगी
बहुत कुछ लिखा है बहुत कुछ लिखेंगे