शबाना यूसुफ़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शबाना यूसुफ़
नाम | शबाना यूसुफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Shabana Yousaf |
जन्म स्थान | London |
ये तो सोचा ही नहीं उस को जुदा करते हुए
मुझ को भी कर देगा रुस्वा वो ज़माने भर में
मेरे आने की ख़बर सुन के वो दौड़ा आता
मैं हाथ बाँधे हुए लौट आई हूँ घर में
ख़ुद चराग़ों को अंधेरों की ज़रूरत है बहुत
इक यही सोच बिछड़ने नहीं देती तुझ से
अगर बिछड़ने का उस से कोई मलाल नहीं
अभी से छोटी हुई जा रही हैं दीवारें
ये तो सोचा ही नहीं उस को जुदा करते हुए
ये अपने आप पे ताज़ीर कर रही हूँ मैं
उसी के क़ुर्ब में रह कर हरी भरी हुई है
लौट आएगा किसी शाम यही लगता है
हम अगर सच के उन्हें क़िस्से सुनाने लग जाएँ
हिसार-ए-ज़ात में सारा जहान होना था
है कोई दर्द मुसलसल रवाँ-दवाँ मुझ में
इक महकते गुलाब जैसा है