मुद्दत से ढूँडती है किसी की नज़र मुझे

मुद्दत से ढूँडती है किसी की नज़र मुझे

मैं किस मक़ाम पर हूँ नहीं है ख़बर मुझे

आवारगी उड़ाए फिरी मिस्ल-ए-बू-ए-गुल

कोई पुकारता ही रहा उम्र भर मुझे

यूँ जा रहा हूँ जैसे न आऊँगा फिर कभी

मुड़ मुड़ के देखती है तिरी रहगुज़र मुझे

क्या जाने किस ख़याल से चेहरा दमक उठा

मैं चारा-गर को देखता हूँ चारा-गर मुझे

अहद-ए-ख़िज़ाँ बहार की रुत नाम हैं फ़क़त

क्या बात कह गई है नसीम-ए-सहर मुझे

मंज़िल पे आ के 'शाद' अजब हादिसा हुआ

मैं हम-सफ़र को भूल गया हम-सफ़र मुझे

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In Hindi By Famous Poet Shaad Amritsarii. is written by Shaad Amritsarii. Complete Poem in Hindi by Shaad Amritsarii. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.