Ghazals of Sehr Ishqabadi
नाम | सेहर इश्क़ाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sehr Ishqabadi |
जन्म की तारीख | 1903 |
मौत की तिथि | 1978 |
वो जो फ़िरदौस-ए-नज़र है आईना-ख़ाना अभी
तिरा वहशी कुछ आगे है जुनून-ए-फ़ित्ना-सामाँ से
तकमील-ए-इश्क़ जब हो कि सहरा भी छोड़ दे
तकमील-ए-इश्क़ जब हो कि सहरा भी छोड़ दे
रंग उड़ कर रौनक़-ए-तस्वीर आधी रह गई
मेरी क़िस्मत से क़फ़स का या तो दर खुलता नहीं
जिस से वफ़ा की थी उम्मीद उस ने अदा किया ये हक़
जब सबक़ दे उन्हें आईना ख़ुद-आराई का
हुस्न-ए-मुत्लक़ है क्या किसे मालूम
हुस्न-ए-मुत्लक़ है क्या किसे मालूम
हसीनों के तबस्सुम का तक़ाज़ा और ही कुछ है
फ़रिश्ते भी पहुँच सकते नहीं वो है मकाँ अपना
दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया