देखते हैं न ठहर जाते हैं

देखते हैं न ठहर जाते हैं

लोग रस्ते से गुज़र जाते हैं

कितने दरिया हैं मगर आख़िर में

इक समुंदर में उतर जाते हैं

देखने कौन हमें आता है

ढूँडने किस को इधर जाते हैं

दिल की वहशत भी अजब वहशत है

साथ रहती है जिधर जाते हैं

मंज़िलें गर्द में खो जाती हैं

रास्ते धूप से भर जाते हैं

दिन निकलता है कहाँ से 'सीमान'

शाम के साए किधर जाते हैं

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In Hindi By Famous Poet Seeman Naved. is written by Seeman Naved. Complete Poem in Hindi by Seeman Naved. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.