Ghazals of Seemab Sultanpuri
नाम | सीमाब सुल्तानपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Seemab Sultanpuri |
फिर आ गया ज़बाँ पे वही नाम क्या करें
मेहमाँ को घर में आए ज़माना गुज़र गया
किताब-ए-उम्र में इक वो भी बाब होता है
किस तरफ़ से आ रही हैं दर्द की पुरवाइयाँ
जब भी भूले से कभी लब पे हँसी आई है
दिल पे जब तेरा तसव्वुर छा गया
अल्लाह दे सके तो दे ऐसी ज़बाँ मुझे
आँगन से ही ख़ुशी के वो लम्हे पलट गए