Ghazals of Seemab Batalvi
नाम | सीमाब बटालवी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Seemab Batalvi |
रुख़ तिरा माहताब की सूरत
मज़ा जब है उसे बर्क़-ए-तजल्ला देखने वाले
मजबूर हूँ गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
मैं तोड़ूँ अहद-ओ-पैमान-ए-वफ़ा ये हो नहीं सकता
मैं इक शाइ'र हूँ असरार-ए-हक़ीक़त खोल सकता हूँ
हुस्न-ए-फ़ानी पर हम अपना दिल फ़िदा करते रहे
और होंगे वो जिन्हें ज़ब्त का दा'वा होगा