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बड़ी दिलचस्पियों से सुब्ह-ए-शाम-ए-ज़िंदगी होगी - सीमाब अकबराबादी कविता - Darsaal

बड़ी दिलचस्पियों से सुब्ह-ए-शाम-ए-ज़िंदगी होगी

बड़ी दिलचस्पियों से सुब्ह-ए-शाम-ए-ज़िंदगी होगी

मैं देखूँगा उन्हें और सारी दुनिया देखती होगी

कुछ ऐसे दर्द से फ़ुर्क़त में मैं ने हाथ उठाए हैं

दुआ भी कामयाबी की दुआएँ माँगती होगी

सर-ए-महशर हिजाब ओ शौक़ का इक म'अरका होगा

उन्हें अपनी पड़ी होगी मुझे अपनी पड़ी होगी

न करते हश्र को रुस्वा कभी दिन के उजाले में

ख़बर क्या थी तिरी फ़ुर्क़त की रात इतनी बड़ी होगी

तअज्जुब क्या लगे गर आग ऐ 'सीमाब' सीने में

हज़ारों दिल में अंगारे भरे थे लग गई होगी

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In Hindi By Famous Poet Seemab Akbarabadi. is written by Seemab Akbarabadi. Complete Poem in Hindi by Seemab Akbarabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.